नेपानगर ।  वन क्षेत्र घाघरला का घटना स्थल देखने रविवार दोपहर 1 बजे। घाघरला का जंगल लेकिन यहां हालात पहले से और भी बदतर। यहां पहुंचने के तीसरे रास्ते पर भी 50 से ज्यादा पेड़ काट कर पटके। कई जगह बड़े-बड़े पत्थर हैं। अपने वाहन दूर खड़े कर पेड़-पत्थरों को लांघते खरगोन रेंज डीआईजी तिलकसिंह और एसपी राहुल कुमार लोढा जंगल तक पहुंचे।

अतिक्रमणकारियों की दबंगई देखिए कि जिस रास्ते से शनिवार को अमला कार्रवाई करने गया था उसे पेड़ और पत्थर पटककर बंद कर दिया। दोनों अफसर यहां बमुश्किल 15 मिनट रुके। दूर से ही टेकरी पर बनी अतिक्रमणकारियों की टपरियां देखी और लौट गए। उधर घाघरला में ग्रामीण अफसरों के आने का इंतजार कर रहे थे। ग्रामीणों ने डीआईजी और एसपी से कहा अतिक्रमणकारी हमें धमकी दे रहे हैं। एक ग्रामीण बोला दो दिन पहले ही मुझे धमकाया कि यह दीवाली और अगली दीवाली मना लो, फिर बताएंगे कि तुम जंगल बचाने के लिए कितने आगे आते हो। एक महिला ने कहा हम अकेले कहीं नहीं जा सकतीं। शनिवार को जंगल में हुई कार्रवाई के दौरान माैके से खरगोन निवासी दो लोगों के पैनकार्ड, वाहन की आरसी बुक, लाइसेंस और बैंक पासबुक मिली है। इससे स्पष्ट है कि यहां बाहरी अतिक्रमणकारी आकर बसे हैं। मौके से खरगोन के लाहोरपानी निवासी नाना गाठिया की बैंक ऑफ बड़ौदा की पासबुक और पिपलिया झोपा भगवानपुरा का वाहन लायसेंस मिला है। यही नहीं घाघरला में हैदरपुर के रहने वाले दो लोगों के आधारकार्ड भी मिले हैं। ये दस्तावेज यहां कैसे पहुंचे, इसको वन विभाग नजरअंदाज कर रहा है।

शनिवार को जंगल में पुलिस और वनकर्मियों पर हमले के दौरान सबकी जान पर बन आई थी लेकिन मौके पर मौजूद बुरहानपुर एसडीएम ने हवाई फायर करने तक के आदेश नहीं दिए। बताया जा रहा है कि एसडीएम खुद अपनी जान बचाकर भाग निकले, जबकि अमला इसके इंतजार में था कि वरिष्ठ अधिकारियों से आदेश मिले और हम हवाई फायर करें, ऐसा कुछ नहीं हुआ।

एक महिला ने अफसरों से कहा सर, हमें पुलिस प्रोटेक्शन चाहिए, नहीं तो घाघरला भी छत्तीसगढ़ बन जाएगा। इस पर टीआई जितेंद्रसिंह यादव ने कहा आपको किसी से परेशानी है तो लिखित आवेदन दे दो। गांव के अन्य लोगों ने भी इस दौरान अपनी पीड़ा बताई। एसपी ने कहा अमले ने कार्रवाई की है। घर भी हटा दिए हैं। पहली बार कार्रवाई हुई। अगले कुछ दिनों में वो इसका फल भी भुगतेंगे।
एसपी राहुल कुमार लोढा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ धारा 307 हत्या का प्रयास और लूट के तहत केस दर्ज किया गया है। एक बार घटनास्थल का निरीक्षण करने आए हैं। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी। 28 नामजद आरोपियों सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अब सबूत जुटा रहे हैं। ग्रामीणों ने भी मांग की है कि अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। अमले से छीनी गई बंदूकें रिकवर करने का भी प्रयास कर रहे हैं। पेड़ काटकर जंगल के रास्ते बंद करने पर भी वन विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।

वन विभाग के सूत्रों के अनुसार हमले के दौरान अतिक्रमणकारियों ने एक वनरक्षक को बंधक बना लिया था। दो घंटे तक उसे टॉर्चर किया। बाद में उसकी बंदूक छीन ली और भाग निकले। पूरी टीम मौके से वापस आई तो पता चला एक वनकर्मी नहीं है। इसके बाद कुछ लोग दोबारा घटनास्थल के पास पहुंचे तो वहां वनरक्षक जख्मी मिला लेकिन उसे बंधक बनाने की बात की किसी अधिकारी ने पुष्टि नहीं की है।

By muskannews

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