बुरहानपुर । मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की बॉर्डर पर सतपुड़ा की तलहटी के बीच 150 फीट ऊंचाई पर विराजीं मां इच्छादेवी को साेमवार दोपहर 121 मीटर की चुनरी ओढ़ाई गई। सोमवार सुबह करीब 8.30 बजे शाह बाजार स्थित माता मंदिर से चुनरी यात्रा निकली। गजेंद्र पाटील के नेतृत्व में 25-30भक्त पैदल इच्छापुर के लिए रवाना हुए। कोविड-19 की गाइडलाइन की वजह से 110 मीटर से ज्यादा लंबी चुनरी यात्रा इस बार सिर्फ आठ मीटर में सिमट कर रह गई। उत्साह आज भी उतना नहीं दिखा। हर साल यात्रा में ढाई हजार भक्त शामिल होते आए हैं। लेकिन इस साल इनकी संख्या कम होकर 25-30 रह गई। पारंपरिक शहनाई और नगाड़े के मंगल वादन के बीच यात्रा आगे बढ़ी। मां इच्छादेवी के चित्र को पालकी में विराजित किया गया। पीछे लकड़ी में लपेटी 121 मीटर लंबी चुनरी थी। चुनरी यात्रा महजनापेठ, शिकारपुरा और अन्य प्रमुख मार्गों से होती हुई इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर पहुंची। शाहपुर, दापोरा और चापोरा क्षेत्र में श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा पर फूल बरसाए गए। इस बीच पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानेश्वर पाटील, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे सहित महिलाओं ने आरती उतारी।
2019 की यात्रा 5वां साल 110 मीटर लंबी यात्रा 101 मीटर लंबी चुनरी 2500 पद यात्री 25 किमी की यात्रा 2020 की यात्रा 6वां साल 8 मीटर लंबी यात्रा 121 मीटर लंबी चुनरी 25 पद यात्री 25 किमी की यात्रा ।
साढ़े सात घंटे में 25 किमी पैदल चलकर पहुंचे मंदिर
शहर से मंदिर तक करीब 25 किमी पैदल चलकर भक्त साढ़े सात घंटे में इच्छादेवी मंदिर पहुंचे। शाम 4.20 बजे सभी ऊंची पहाड़ी की सीढिय़ां चढ़े और माता रानी को चुनरी ओढ़ाई। कोरोना संक्रमण की वजह से इच्छादेवी मंदिर में भीड़ नहीं रही।